How baglamukhi shabhar mantra can Save You Time, Stress, and Money.



बालां सत्स्रेक-चञ्चलां मधु-मदां रक्तां जटा-जूटिनीम् ।। शत्रु-स्तम्भन-कारिणीं शशि-मुखीं पीताम्बरोद् भासिनीम् ।

हस्ताभ्यां पाशमुच्चैरध उदित-वरां वेद-बाहुं भवानीम् ।।

ऋषि श्रीवशिष्ठ द्वारा उपासिता श्रीबगला-मुखी

ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा॥

मेरे विचार से शाबर मत्रं भटकाते हैं कृपया जरूर उत्तर दें।

Shabar mantras certainly are a kind of recitation located in the Indian mystical custom of tantra. These mantras are considered being impressive and helpful in obtaining unique purposes when chanted with devotion and sincerity. Here are some of the different and crucial sorts of Shabar mantras:

Chalukyas constructed this temple within the 11th and twelfth century. Fables declare that Chalukyans desired to boast their architectural splendidness and showcase their ability and prosperity to their enemies. The tales claims which the temple was crafted right away by a bunch of nameless artisans and sculptors.

“Om hreen bagalaamukhee sarv dushtaanaan vaacham mukham padam stambhay stambhay jeevahaan keelok keelok vinaashay hreen om svaaha”

सुधाब्धौ रत्न-पर्यङ्के, मूले कल्प-तरोस्तथा ।

वास्तव में शाबर-मंत्र अंचलीय-भाषाओं से सम्बद्ध होते हैं, जिनका उद्गम सिद्ध उपासकों से होता है। इन read more सिद्धों की साधना का प्रभाव ही उनके द्वारा कहे गए शब्दों में शक्ति जाग्रत कर देता है। इन मन्त्रों में न भाषा की शुद्धता होती है और न ही संस्कृत जैसी क्लिष्टता। बल्कि ये तो एक साधक के हृदय की भावना होती है जो उसकी अपनी अंचलीय ग्रामीण भाषा में सहज ही प्रस्फुटित होती है। इसलिए इन मन्त्रों की भाषा-शैली पर विचार करने की आवश्यकता नहीं है। यदि आवश्यकता है तो वह है इनका प्रभाव महसूस करने की।

oṃ hrīṃ bagalāmukhi! jagadvaśaṃkarī! māṃ bagale prasīda-prasīda mama sarva manorathāna pūraya-pūraya hrīṃ oṃ svāhā।

Bagalamukhi smashes the devotee's misconceptions and delusions (or the devotee's enemies) along with her cudgel. Bagalamukhi is one of the 10 varieties of the wise Devi, symbolizing a strong female primeval force.

यदि आपको इन मन्त्रों का प्रभाव देखना है तो निर्देशानुसार इनका साधन कर अभीष्ट की प्राप्ति करें। ये मन्त्र किस प्रमाणिक ग्रन्थ में हैं, यह कुछ स्पष्ट नहीं है। प्रमाण केवल यही है कि ये गुरुमुख से प्राप्त हैं। शेष जब आप इनकी साधना करेंगे तो प्राप्त होने वाला परिणाम ही इनकी प्रमाणिकता का साक्षी होगा।

जिह्वाग्रमादाय कर-द्वयेन, छित्वा दधन्तीमुरु-शक्ति-युक्तां।

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